Friday, July 17, 2015
वो दर्द से चीख रही थी,लोगों की नजरों का सामना कर रही थी.वो माता ही कुमाता हो गयी थी जिसने अपनी कोख की जनी कोइस हाल में पहुंचा दिया.आजसुबह जब अखवारों में जिला अस्पताल में इक मासूम से दरिंदगी कीघटना पढ़ी तो अपने को रोक न सकी.सुबह 9बजे पहुंची तो .........................डॉक्टरी मुआयने के लिए जब ले जाया गया तो में साथ थी.वो यही रट लगाये थी.कि मुझे यहाँ से ले चलो.दुलार से जब सिर पर हाथ फेरा तो मुस्कराने लगी मैने पूछा कि स्कूल पढ़ने जाओगी तो-बोली आप भेजोगी मुझे स्कूल.मेरे मोबाईल को हाथ में लेकर बोली गाना सुनना हे.खानाखिलाने केबाद जब मैने मुंह साफ किया तो बोली आप मेरी अम्मा हें.हाँ इस सबके बीच कहीं फोटो नहीं ली क्योंकि येशायद मौका भी नहीं था.हाँ इतना जरुर सोचा हेकि इस बच्ची कोपढ़ा कर इकसामान्य जिन्दगी...............तभी शायद प्रधानमंत्री महोदय के "बेटीबचाओ-बेटी पढ़ाओ"अभियान कीसार्थकता सच्चे अर्थों में होगी Laxmi Gautam's photo.
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